जन्माष्ठमी के व्रत का महत्व

जन्माष्ठमी के व्रत का महत्व

स्कन्द पुराण के अनुसार जो भी व्यक्ति जानकर भी कृष्ण जन्माष्ठमी व्रत को नहीं करता, वह मनुष्य जंगल में सर्व और व्याघ्र होता है। ब्रह्मापुराण का कथन है कि कलियुग में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्ठमी में अट्ठाइसवें युग में देवकी के पुत्र श्रीकृष्ण उत्पन्न हुए थे। यदि दिन या रात में कलामात्र भी रोहिणी ने हो तो विशेषकर चंद्रमा से मिली हुई रात्रि में इस व्रत को करे।

#ये बातें भूल कर भी न बताएं गर्लफ्रेंड को...