तुम नहीं, तो कोई और सही

तुम नहीं, तो कोई और सही

दांपत्य की गाडी लडखडाने लगती है। इसमें ताजगी बनाए रखने के लिए आज हर महिला आजादी चाहती है ताकि वह शर्म झिझक को किनारे रख के सेकस में क्या चाहती है साथी को बता सके। यह बात ठीक है कि समय के साथ हर चीज बदल जाती है और महिलाओं की बदलती सोच का यह परिणाम है कि एक समय था जब महिला को कोई अधिकार नहीं था, जीवनसाथी चुनने व सेक्स संतुष्ट होने का । पर आज स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है, क्योंकि आज महिला ने मुखर होकर अपनी पसंद जाहिर करनी शुरू कर दी है कि उनके लिए भी सेक्स उतना ही जरूरी है जितना कि पुरूषों।