तुम नहीं, तो कोई और सही
आज की नारी के लिए विवाह की परिभाषा बदल गई है। पहले जहां एक शादी को ही जिंदगीभर का साथ माना जाता था, वहीं आज एक शादी करके महिला, पुरूष को जानना चाहती। पति को परमेश्वर का दर्जा देने वाले रूप से वह अब बाहर आ गई हे। आज तुम नहीं तो कोई और सही का चलन जोर-शोर से चल रहा है।