तुम नहीं, तो कोई और सही
एक रिसर्ज के अनुसार ऎसा नहीं समझना चाहिए कि सिर्फ खराब विवाह में ही दूसरे मर्द ही जरूरत होती है, बल्कि यह एक आकर्षण है, जिससे कोई भी जीवनभर नहीं बच सकता, क्योंकि आज चाहे महिला अपने पति के प्रति दैहिक स्तर पर जितनी भी वफादार क्यों न हो, पर सेक्स के दौरान अन्य पुरूष की फैंटेसी रहती है।
संक्षेप में यही कह सकते हैं कि आज की बदलती हुई नारी अपने लिए वो सारी चीजें चाहती है जिन पर उसका हक है। मतलब आज यौन संबंधों का इस्तेमाल चाय की चुस्की की तरह सहज हो गया है।