जन्माष्ठमी के व्रत का महत्व
व्रत के दिन
प्रा:काल स्नानादि नित्यकमरें से निवृत्त हो जाए। पश्चात सूर्य, यम, सोम,
यम, काल, संदिध, भूमि, आकाश ब्रह्मादि को नमस्कार कर पूर्व या उत्तर मुख
बैंठे और इसके बाद जल, कुश, फल और गंध लेकर संकल्प करें...
ममखिपापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रतमहं करिष्ये।