किसे करना चाहिए श्राद्ध
हिंदू मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध का अधिकार पुत्र को होता है। अगर पुत्र जीवित न हो तो पौत्र, प्रपौत्र या विधवा पत्नी भी श्राद्ध कर सकती है। पितरों का श्राद्ध करने वाला गृहस्थ दीर्घायु, पुत्र यश और धन प्राप्त करता है। प्रत्येक हिंदू का धर्म है कि वह अपने पितरों की मुक्ति के उद्देश्य से पिंडदान एवं तर्पण अवश्य करे।