टीम अन्ना भंग : अन्ना

टीम अन्ना भंग : अन्ना

नई दिल्ली। समाजसेवी अन्ना हजारे ने सोमवार को ऎलान कर दिया है कि जन लोकपाल आन्दोलन के लिए गठित टीम अन्ना अब समाप्त हो गई है। उन्होंने टीम अन्ना कोर कमेटी को भी भंग करने का ऎलान किया है। इसे चुनावी राजनीति से खुद को अलग साबित करने के उनके प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। अन्ना का यह ऎलान इसलिए खास है, क्योंकि आन्दोलन का औपचारिक नाम कभी टीम अन्ना रहा ही नहीं। इसके सारे कार्यक्रम इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आइएसी) के बैनर से चलाए जाते हैं। यहां तक कि कोर कमेटी भी इसी की थी। इसके बावजूद अन्ना ने अनौपचारिक नाम से भी अपना संबंध खत्म करने का ऎलान कर दिया है। इस वजह से माना जा रहा है कि वे चुनावी अभियान में अपने नाम का कतई इस्तेमाल नहीं होने देना चाहते। टीम अन्ना को भंग करने का ऎलान अन्ना ने अपने सहयोगियों को विश्वास में लिए बिना ही किया है। रविवार की शाम उनके साथ हुई बैठक में इस बात की कोई चर्चा उन्होंने नहीं की। इसकी बजाय उन्होंने बार-बार राजनीतिक विकल्प पेश करने की बात की थी। आइएसी कोर कमेटी सदस्य दर्शक हाथी ने भी माना कि बैठक में इस संबंध में कोई चर्चा नहीं हुई थी। लेकिन सोमवार को अपने ब्लॉग में उन्होंने ऎलान किया कि टीम अन्ना का काम समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा है कि जन लोकपाल कानून बनवाने के लिए इस टीम का काम शुरू किया गया था। अब इसे समाप्त किया जा रहा है। एक दिन पहले जहां उन्होंने राजनीतिक विकल्प पेश करने को ही एकमात्र रास्ता बताया था। मगर सोमवार को उन्होंने इस पर कई तरह के गंभीर सवाल उठाए। अपने ब्लॉग में उन्होंने कहा है, चुनकर आने के बाद जन प्रतिनिधियों का रवैया बदल गया तो क्या विकल्प है! कारण, जनता चुनते समय अच्छा उम्मीदवार है यह समझकर ही वोट देती है। लेकिन कुर्सी का गुण-धर्म है कि कई लोगों की बुद्धि पलट जाती है। ऎसे लोगों की मानटरिंग का तरीका क्या है! इसी तरह उन्होंने राजनीतिक विकल्प देने को ले कर अब कई शर्त रखी हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ जंतर-मंतर पर आए लोगों की राय काफी नहीं। देश में छह लाख गांव हैं। इन सभी गांवों की ग्राम सभाएं प्रस्ताव पारित कर कहें कि वे विकल्प मांगते हैं। तभी वे मानेंगे कि यह विकल्प अपनाया जा सकता है।