
महिला सम्मान और संवैधानिक मर्यादाओं से खिलवाड़ दुर्भाग्यपूर्ण : मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महिला सम्मान, प्रशासनिक मर्यादाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा से जुड़े मामलों को सत्ता और बयानबाजी के हवाले छोड़ देना दुर्भाग्यपूर्ण है।
बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र वितरण के सार्वजनिक कार्यक्रम में एक मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब (चेहरे का नकाब) हटाने का मामला सुलझने की बजाय, ख़ासकर मंत्रियों आदि की बयानबाजी के कारण, विवाद का रूप लेकर यह लगातार तूल पकड़ता ही जा रहा है, जो दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि यह मामला पहली नज़र में ही महिला सुरक्षा व सम्मान से जुड़ा होने के कारण मुख्यमंत्री के सीधे हस्तक्षेप से अब तक सुलझ जाना चाहिए था, खासकर तब जब कई जगहों पर ऐसी अन्य वारदातें भी सुनने को मिल रही हैं।
उन्होंने आगे कहा, अच्छा होगा कि मुख्यमंत्री इस घटना को सही परिप्रेक्ष्य में देखते हुए इसके लिए पश्चाताप कर लें और कड़वे होते जा रहे इस विवाद को यहीं पर ख़त्म करने का प्रयास करें। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के बहराइच जिला पुलिस द्वारा पुलिस परेड में, स्थापित परम्परा/नियमों से हटकर, एक कथावाचक को सलामी देने का मामला भी काफी बड़े विवाद में है और इसको लेकर सरकार कठघरे में है। पुलिस परेड व सलामी की अपनी परम्परा/नियम, मर्यादा, अनुशासन व पवित्रता है, जिसको लेकर खिलवाड़ कतई नहीं किया जाना चाहिये।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि हालांकि यह अच्छी बात है कि यूपी के पुलिस प्रमुख ने इस घटना का संज्ञान लेकर जिला पुलिस कप्तान से जवाब तलब किया है। कार्रवाई का लोगों को इंतज़ार है। वैसे राज्य सरकार भी इसको गंभीरता से लेकर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति पर रोक लगाए तो यह पुलिस प्रशासन/अनुशासन एवं कानून के राज के हक़ में उचित होगा।
मायावती ने आगे लिखा कि जहां तक कल 19 दिसम्बर से शुरू हुए उत्तर प्रदेश विधान सभा के संक्षिप्त शीतकालीन सत्र का सवाल है, तो यह सत्र भी पिछले सत्रों की तरह ही, जनहित व जनकल्याण के मुद्दों से दूर रहने के कारण सत्ता व विपक्ष के बीच वाद-विवाद में घिर गया है। बेहतर होता कि सरकार किसानों के खाद की समस्या के साथ-साथ जनहित की अन्य समस्याओं तथा जनकल्याण के प्रति गंभीर होकर सदन में इन पर जवाबदेह होती।
बसपा प्रमुख ने कहा कि साथ ही, संसद का शीतकालीन सत्र भी, राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की भीषण समस्या सहित देश व जनहित की विकराल रूप धारण कर रही समस्याओं पर विचार किये बिना ही, कल समाप्त हो गया। जबकि पूरे देश की निगाहें लगी थी कि सरकार व विपक्ष दोनों देश की ज्वलंत समस्याओं पर विचार करेंगे और इससे कुछ उम्मीद की नई किरण पैदा होगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। देश की चिंताएं लगातार बरकरार हैं।
एक अन्य पोस्ट पर उन्होंने लिखा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में जो हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं तथा वहां भी नेपाल की तरह भारत विरोधी गतिविधियां बढ़ रही हैं, वो भी चिन्तनीय स्थिति है, जिस पर भी केन्द्र सरकार समुचित संज्ञान लेकर दीर्घकालीन नीति के तहत कार्य करे तो यह उचित होगा।
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