... जब राजेश खन्ना गुमनामी जिन्दगी जीने को हुए मजबूर

... जब राजेश खन्ना गुमनामी जिन्दगी जीने को हुए मजबूर

राजेश खन्ना की असफलता में उनका अहंकार भी बहुत आडे आया साथ ही उन्होंने समय को बहुत ठुकराया। यह वक्त ही था जिसने उन्हें सुपर सितारा बनाया था और यह वक्त ही था जिसने उन्हें गुमनामी की जिन्दगी जीने को मजबूर किया।

पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त.. फिल्म आनंद में राजेश खन्ना का यह संवाद अब बहुत याद आएगा, अब वह हमें छोडकर चले गए हैं।

हिंदी फिल्मों के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना अपनी जीवंत भूमिकाओं के कारण सदा हमारे दिलों में बसे रहेंगे..1967 में जीपी सिप्पी की फिल्म राज में राजेश खन्ना ने मरने वाले नायक की भूमिका निभाई।