डूरंड कप जीतने के बाद सुनील छेत्री ने ट्वीट से जीता दिल

डूरंड कप जीतने के बाद सुनील छेत्री ने ट्वीट से जीता दिल

कोलकाता । भारत के स्टार फुटबॉलर सुनील छेत्री ने कहा है कि अगर वो डूरंड कप नहीं जीत पाते, तो बहुत बुरा लगता। उन्होंने यह भी कहा कि इस खिताब पर कब्जा करने के लिए दो दशक का लंबा इंतजार करना पड़ा। छेत्री की टीम बेंगलुरू एफसी ने रविवार को यहां विवेकानंद युवा भारती क्रिरंगन (वीवाईबीके) में फाइनल में मुंबई सिटी एफसी को 2-1 से हराकर अपना पहला डूरंड कप खिताब जीता।

बेंगलुरू एफसी (बीएफसी) के लिए शिवा शक्ति और ब्राजीलियाई एलन कोस्टा ने गोल किए, जबकि अपुइया ने मुंबई सिटी एफसी (एमसीएफसी) के लिए एकमात्र गोल किया, जो एक बेहतरीन मैच साबित हुआ।

छेत्री ने सोशल मीडिया पर ट्रॉफी जीतने पर अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए तस्वीरें पोस्ट की और ट्वीट किया कि बेंगलुरु एफसी टीम के साथ इसे जीतना विशेष था।

38 वर्षीय छेत्री ने ट्वीट किया, इसके लिए दो दशकों का लंबा इंतजार करना पड़ा है, लेकिन इसे बेंगलुरू एफसी के साथ जीतना बेहद खास रहा है। अगर हम डूरंड कप चैंपियंस नहीं बनते तो यह शायद हमारे लिए बुरा होता।

विकिपीडिया के अनुसार, छेत्री का जन्म भारतीय सेना के इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर में एक अधिकारी केबी छेत्री और सुशीला छेत्री के घर हुआ था। उनके पिता भारतीय सेना की टीम के लिए फुटबॉल खेलते थे, जबकि उनकी मां और उनकी जुड़वां बहनें नेपाल महिला राष्ट्रीय टीम के लिए खेलती थीं।

कप्तान छेत्री के पास भी रविवार को गोल करने के कुछ सुनहरे मौके थे, एक बार 69वें मिनट में, जब वह चूक गए और फिर 87वें में जब वह गोलकीपर के साथ आमने-सामने थे, लेकिन डिफेंडरों ने फिर से उन्हें रोक लिया।

--आईएएनएस

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