लेवी चीनी में हो सकती है कटौती

लेवी चीनी में हो सकती है कटौती

नई दिल्ली। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए आपूर्ति करने के लिए जो चीनी मिलों की ओर से सरकार को दी जाती है, खाद्य मंत्रालय उसमें कटौती के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
मौजूदा समय में चीनी मिलों को अपने कुल उत्पादन के 10 प्रतिशत भाग का योगदान कम दर पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए लेवी चीनी के रूप में करना होता है। चीनी मिलें सरकार को 19 रूपए प्रति किग्रा की दर पर लेवी चीनी की आपूर्ति करती है जबकि खुले बाजार में इसका मूल्य 30 से 32 रूपये प्रति किलोग्राम है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीनी उद्योग ने लेवी चीनी के प्रतिशत में कटौती किए जाने की मांग की है। हम इस प्रस्ताव की समीक्षा कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि चीनी उद्योग ने विपणन वर्ष 2011-12 (सितम्बर से अक्टूबर) में लेवी चीनी के कोटे को मौजूदा 10 प्रतिशत से पांच प्रतिशत किए जाने की मांग की है ताकि उनके रखरखाव की लागत को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि हालांकि चीनी की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए वाषिर्क मांग 24-26 लाख टन है लेकिन पिछले छह वर्षो में राज्य सरकारों के द्वारा किया जाने वाला औसत उठान केवल 16 लाख टन का है। खाद्य मंत्रालय को प्रस्तुत किए गए आंक़डों में चीनी उद्योग ने इस बात पर जोर दिया है कि लेवी कोटा की चीनी में कटौती का मामला बनता है क्योंकि पिछले कुछ वषोंü में राज्य सरकारें दिए गए पूरे कोटे का उठान नहीं कर पाई हैं। इससे पहले का बचा स्टाक विपणन वर्ष 2011-12 में बढ़कर 21 लाख टन हो गया है।