नरसिम्हा राव के करीब रहे चंद्रास्वामी का निधन, जानें-उनकी जिंदगी की खास बातें

नरसिम्हा राव के करीब रहे चंद्रास्वामी का निधन, जानें-उनकी जिंदगी की खास बातें

नई दिल्ली। नरसिम्हा राव के करीबी विवादित तांत्रिक चंद्रास्वामी का मंगलवार दोपहर निधन हो गया है। चंद्रास्वामी ने 66 साल की उम्र में दिल्ली के अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली। चंद्रास्वामी कई दिनों से अपोलो अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल के मुताबिक दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर उनकी मौत मल्टी ऑर्गन फेलियर के चलते हुई। आपको बता दें कि चंद्रास्वामी वैसे तो ज्योतिष और तांत्रिक थे लेकिन नरसिम्हा राव से करीबी होने के कारण वो पहली बार सुर्खियों में आए थे। चंद्रास्वामी को राजीव गांधी सरकार में मंत्री नरसिम्हा राव के ज्योतिष सलाहकार के तौर पर उन्हें जाना जाने लगा, बाद में नरसिंह राव पीएम बन गए। उन्हें इंदिरा गांधी ने कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया में विश्व धर्मायतन संस्थान आश्रम बनाने के लिए जमीन अलॉट की थी। राजीव गांधी हत्याकांड में भी उनका नाम सुर्खियों में रहा।

जाने-उनके जीवन से जुड़ी खास बातें

-अलवर जिले के बहरोड़ में पैदा हुए चंद्रास्वामी बचपन में अपने पिता के साथ हैदराबाद चले गए और अपने पुश्तैनी इलाके के करीब 10 जनपथ तक उन्होंने सीधी पहुंच बनाई।

-नरसिम्हाराव जब आंध्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे तो उसी दौराने चंद्रास्वामी उनसे मिला था। दो-चार मुलाकातों के बाद उसने राव को प्रभावित कर दिया था। शायद यही वजह थी कि उसे हैदराबाद युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया था।

-इसके बाद चंद्रास्वामी दिल्ली आ गए और उस समय युवा कांग्रेस के महासचिव और मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता रहे  महेश जोशी के बंगले के बाहर नौकरों वाले क्वार्टर में उन्हें जगह मिल गई थी।

-चंद्रास्वामी का असली नाम नेमि चंद्र जैन था। अचानक से एक दिन पता चला कि नेमि चंद्र जैन ने अपना नाम बदलकर चंद्रास्वामी रख लिया है। वह खुद को अमर मुनि नामक एक साधु के शिष्य बताने लगा था। उसका दावा था कि वह बिहार-नेपाल सीमा पर तांत्रिक साधना करके लौटा है।

-कुछ दिन बाद उसने अपनी पहचान गुरू चंद्रास्वामी के रूप में बना ली। आगे चलकर नेता, अभिनेता, पूंजीपति सभी उसके जाल में फंसते चले गए।

-इसी चंद्रास्वामी के बारे में कहा जाता है कि इसने पूरे देश में गणेश की मूर्ति को दूध पीने का भ्रम फैलाया था।

-चंद्रास्वामी पर राजीव गांधी हत्याकांड के अभियुक्तों की मदद करने का आरोप भी शामिल है। राजीव गांधी हत्याकांड की जांच करने वाले जैन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में चंद्रास्वामी का हाथ बताया था। इसके अलावा चंद्रास्वामी के आश्रम पर इनकम टैक्स का छपा पड़ा था जिसमे मशहूर हथियार तस्कर अदनान खशोगी को 11 मिलियन डॉलर की भारी भरकम रकम अदायगी के सबूत मिले थे।

-समय ने पलटी खाई और तमाम ऊंचे संपर्कों के बावजूद उसे जेल जाना पड़ा। दाऊद इब्राहीम गिरोह से जुड़े अंडरवर्ल्ड के सदस्य बबलू श्रीवास्तव का प्रत्यर्पण करके 1995 में नेपाल से भारत लाया गया था। सीबीआई की पूछताछ के दौरान उन्होंने जानकारी दी कि चंद्रास्वामी के संबंध दाऊद इब्राहीम से हैं। ये जानकारी सामने आने के तुरंत बाद तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री राजेश पायलट ने सीबीआई से कार्रवाई करने को कहा। इसके बाद चंद्रास्वामी के खिलाफ विदेशी मुद्रा क़ानून उल्लंघन समेत कई मामलों की जाँच शुरू हो गई।

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