शिवसेना ने बागी विधायकों के निलंबन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
नई दिल्ली । सुनील प्रभु के नेतृत्व में उद्धव ठाकरे के खेमे ने एकनाथ
शिंदे सहित 16 विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित करने की मांग
करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रभु ने अधिवक्ता जावेदुर
रहमान के माध्यम से याचिका दायर की है, जिसका उल्लेख शुक्रवार को अवकाश पीठ
के समक्ष किया जाएगा।
याचिका में कहा गया है कि शिवसेना राजनीतिक
दल के अध्यक्ष के रूप में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व की स्थिति को लेकर आज तक
कोई विवाद नहीं है। इसमें इस साल 25 जून को शिवसेना राजनीतिक दल की
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित प्रस्ताव का हवाला दिया, जहां
ठाकरे के नेतृत्व की फिर से पुष्टि की गई और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में
दोषी विधायकों के आचरण की आलोचना की गई।
याचिका में कहा गया है कि विद्रोहियों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने के लिए आवश्यक कदम उठाने का संकल्प लिया गया है।
याचिका
में कहा गया है कि एकनाथ शिंदे गुट द्वारा किए गए विद्रोह के बावजूद, मूल
शिवसेना राजनीतिक दल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में है, जिन्हें 23 जनवरी 2018
को अध्यक्ष के रूप में चुना गया था, जब शिवसेना के संगठनात्मक चुनाव हुए
थे और 27 फरवरी 2018 को चुनाव आयोग को विधिवत सूचित किया गया था।
याचिका
में कहा गया है, "अपराधी विधायकों को 14वीं महाराष्ट्र विधानसभा की
सदस्यता से लेकर उनके खिलाफ शुरू की गई दसवीं अनुसूची की कार्यवाही के
अंतिम निर्णय तक निलंबित करने का अंतरिम आदेश पारित करें।"
इसमें
आगे कहा गया है, अपराधी विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा में प्रवेश करने
या सदन से संबंधित किसी भी कार्यवाही में भाग लेने से रोक दिया गया है, जब
तक कि उनके खिलाफ अयोग्यता कार्यवाही का अंतिम निर्णय नहीं हो जाता।
--आईएएनएस
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