सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने संबंधी याचिका पर विचार से किया इनकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उस जनहित याचिका पर विचार करने से
इनकार कर दिया, जिसमें 26 जनवरी को लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के
लिए जिम्मेदार लोगों या संगठनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कोर्ट से
निर्देश देने का आग्रह किया गया था। इस विषय में सर्वोच्च न्यायालय ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा
था कि कानून अपना काम करेगी।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की
अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सरकार इस मामले की जांच कर रही है और यह
स्पष्ट है कि सरकार उचित कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि हम मीडिया में
प्रकाशित प्रधानमंत्री के उस बयान को पढ़ रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा है
कि इस मामले में कानून अपना काम करेगी।
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर
रैली के दौरान दिल्ली की सड़कों पर हिंसा के संबंध में दलीलों को सुनने के
बाद मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत किसी को माफ नहीं कर रही है। सरकार
जांच कर रही है और उचित कार्रवाई कर रही है।
शीर्ष अदालत ने एक
दूसरी याचिका पर भी विचार करने से इनकार कर दिया। इस याचिका में यह अपील की
गई थी कि गाणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हुई हिंसा में शामिल
असामाजिक तत्वों के खिलाफ एनआईए जांच शुरू करने के लिए कोर्ट निर्देश दे।
यह याचिका एडवोकेट शेखर झा और मंजू जेटली शर्मा के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट
में दायर की गई थी। इसमें कहा गया है कि लालकिले पर तिरंगे के अपमान पर
तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। (आईएएनएस)
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