..... इस तरह देखा था रवींद्र जैन ने मन की आंखों से संसार

..... इस तरह देखा था रवींद्र जैन ने मन की आंखों से संसार

नई दिल्ली। मशहूर संगीतकार और गीतकार रवीन्द्र जैन का मुंबई के लीलावती अस्पताल में शुक्रवार रात निधन हो गया। रवीन्द्र जैन के निधन पर सभी ने अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस मशहूर संगीतकार की हम सबके बीच केवल उनकी यादें और उनका रचा हुआ संगीत ही रह गया है।

उनके गाए गीतों को सुनकर ही उनकी यादें ताजा होती रहेंगी। रवीन्द्र जैन ने हिन्दी सिनेमा में फिल्म सौदागर से पर्दापण किया था। रवींद्र जैन का जन्म 1944 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ में हुआ था। वे सात भाई-बहन थे। संगीत का मार्ग उन्होंने अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए चुना, उनके पिता ने उन्हें यह मार्ग इसलिए सुझाया, क्योंकि इसमें आंखों का कम उपयोग होता है।

काम में प्रति बेहद उनकी बेहद रूचि थी। कम उम्र में ही वे पास के जैन मंदिर में भजन गाने लग गए थे। उन्होंने अपने जीवन में ऎसे कृष्ण भजन सहित धार्मिक भजन गाए जिन्हें लोग आज भी गुनगुनाते हैं और उनके इन भजनों को सुनकर काफी उत्साहित होते हैं।

रवीन्द्र जैन ने महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक सीरियलों में भी अपनी सुरीली अमिट छाप छोडी है। वर्ष 1972 में उन्होंने अपने फिल्मी क�रियर की शुरूआत की। दक्षिणी भारत के गायक के.जे. येसुदास के वे काफी मुरीद थे। "तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है" सहित रवींद्र के कई गीत येसुदास ने गाए हैं। उनकी चाहत येसुदास को देखने की थी, जो कभी पूरी न हुई।

मशहूर संगीतकार रवीन्द्र जैन ने "राम तेरी गंगा मैली, दो जासूस और हीना" जैसी फिल्मों में संगीत देने वाले संगीतकार ने मशहूर धारावाहिक "रामायण" को अपनी आवाज और धुनों के जरिए घर-घर में लोकप्रिय बनाया। 1980 और 1990 के दशक में जैन ने कई पौराणिक फिल्मों और धारावाहिकों में संगीत दिया था। रवींद्र जैन दृष्टिबाधित थे, इसके बावजूद उन्होंने एक से बढ़कर एक गीत रचे और सुरीले नगमे दिए, जिन्हें हम बार-बार सुनना पसंद करते हैं।

फिल्म "राम तेरी गंगा मैली" के लिए रवींद्र जैन को फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार भी मिला है। उन्होंने अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने अपने पिता के कहे मार्ग पर चलकर वह सब कुछ हासिल किया, जिसके वह हकदार थे। उन्होंने दुनिया को अपने मन की दृष्टि से देखा, समझा और अपने ही रचे गीतों को मधुर धुनों से सजाया। दुनिया उनके मधुर गीतों के लिए हमेशा उनकी ऋणी रहेगी।