बेवजह विवाद में रही सैटनिक वर्सेज : सलमान रूश्दी

बेवजह विवाद में रही सैटनिक वर्सेज : सलमान रूश्दी

लंदन। सलमान रूश्दी ने अपनी पुस्तक सैटनिक वर्सेज को लेकर खडे हुए विवाद के दो दशक बाद कहा है कि उन्होंने यह किताब मुल्लों के लिए नहीं लिखी थी। भारत में जन्मे रूश्दी की यह पुस्तक 1988 में आई थी। इसको लेकर विवाद खडा हुआ था, ईरान के शीर्ष नेता अयातोल्लाह खुमैनी ने उनके खिलाफ फतवा जारी किया था।

ब्रिटेन के वेल्स में चल रहे हे साहित्य एवं कला महोत्सव में 64 वर्षीय रूश्दी ने कहा कि यह किताब उन लोगों को ध्यान में रखकर लिखी गई थी जो ऎसा पढना पसंद करते हैं। फतवा के मुद्दे पर उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, मैंने यह किताब मुल्लों के लिए नहीं लिखी थी, नहीं लगता कि वे मेरे पाठक थे। उन्होंने कहा, इस किताब को लेकर अयातोल्लाह खुमैनी की खराब समीक्षा से ज्यादा खराब बात यह होती कि वह इसकी अच्छी समीक्षा कर देते।

बुकर पुरस्कार विजेता रूश्दी ने कहा, पुस्तकों की कामयाबी की सिर्फ एक वजह है कि लोग उन्हें पसंद करते हैं। पुस्तकों को पसंद करने वाले इसे चरम पर पहुंचाते हैं। गौरतलब है कि ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता खुमैनी ने रूश्दी के खिलाफ मौत का फतवा 1989 में जारी किया था।