पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी का निधन
नई दिल्ली। वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री राम जेठमलानी का
रविवार को यहां उनके आवास पर निधन हो गया। उनके निधन की पुष्टि अधिवक्ता
आशीष दीक्षित ने की। जेठमलानी 96 वर्ष के थे।
बढ़ती उम्र संबंधित
स्वास्थ्य समस्याओं का उनका इलाज चल रहा था। जेठमलानी के 2, अकबर रोड स्थित
निवास पर एक पूर्णकालिक नर्स उनकी देखभाल के लिए नियुक्त थी।
उनके
परिवार के एक करीबी सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि जेठमलानी की तबीयत पिछले
दो हफ्तों से ज्यादा बिगड़ गई थी। सूत्रों ने बताया कि वह एक सप्ताह से
बिस्तर पर थे और उनका वजन बहुत कम हो गया था।
सुबह 8 बजे से थोड़े समय पहले उनकी मौत हो गई। उसके बाद कई राजनेता और वरिष्ठ वकील उनके आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
सुबह
से उनके निवास पर पहुंचने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह,
वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के अलावा उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया
नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शामिल थे।
माकपा
नेता सीताराम येचुरी, राजद नेता मनोज झा, प्रेमचंद्र गुप्ता, पूर्व
न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ के अलावा वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रह्मण्यम, वरिष्ठ
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और वरिष्ठ अधिवक्ता सोली सोराबजी और
सिद्धार्थ लूथरा ने भी उनके अंतिम दर्शन किए।
लोधी रोड श्मशान पर शाम 4.30 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जेठमलानी अपने बेटे महेश जेठमलानी और अमेरिका में रहने वाली बेटी पर आश्रित थे। उनकी अन्य एक बेटी की मौत पहले ही हो चुकी है।
उन्होंने
अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में शहरी विकास मंत्री के
रूप में भी काम किया था। 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का
अध्यक्ष चुना गया था।
14 सितंबर, 1923 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जन्मे जेठमलानी ने एल.एल.एम. की पढ़ाई कराची के एस. सी. शाहनी लॉ कॉलेज से की थी।
वह
पहली बार 1977 में लोकसभा के लिए चुने गए। उन्होंने वायपेयी के समय में
अक्टूबर 1999 से जुलाई 2000 तक केंद्रीय कानून, न्याय और कंपनी मामलों के
मंत्री के रूप में सेवाएं दी थी।
आपराधिक मामलों के एक प्रसिद्ध वकील, जेठमलानी करोड़ों रुपये के चर्चित 2जी आवंटन मामले सहित कई बड़े मामलों में पैरवी कर चुके थे।
उन्होंने
कई मशहूर और विवादित मामलों की पैरवी की, जिनमें दिवंगत प्रधानमंत्री
इंदिरा गांधी की हत्या के दोषी सतवंत सिंह और केहर सिंह, राजीव गांधी
हत्याकांड के दोषी वी. श्रीहरन उर्फ मुरुगन, शेयर बाजार घोटाले के आरोपी
हर्षद मेहता, अंडरवल्र्ड डॉन हाजी मस्तान के मामले शामिल हैं। उन्होंने
हवाला मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एल. के. आडवाणी
का मुकदमा भी लड़ा था।
जेठमलानी ने कन्फ्लिक्ट ऑफ लॉज, जस्टिस : सोवियत स्टाइल और बिग ईगोज एंड स्मॉल मेन सहित कई किताबें भी लिखी हैं।
आपराधिक
और संवैधानिक कानून के विशेषज्ञ रहे जेठमलानी सरकारी लॉ कॉलेज (मुंबई),
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) और अमेरिका में वेयने स्टेट
यूनिवर्सिटी में अंशकालिक प्रोफेसर भी थे।
उन्हें 1970 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया का अध्यक्ष और 1966 में इंटरनेशनल बार एसोसिएशन का सदस्य भी बनाया गया था।(आईएएनएस)
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