राजश्री का नया धारावाहिक : झिलमिल सितारों का आंगन होगा

राजश्री का नया धारावाहिक : झिलमिल सितारों का आंगन होगा

पिछले पांच दशक से बॉलीवुड में पारिवारिक प्रेम कहानियों के नजरिए परिवार की एकता को पेश करने वाले राजश्री प्रोडक्शन का नया डेली सोप ओपेरा "झिलमिल सितारों का आंगन होगा" सोमवार 27 फरवरी से सहारा वन पर शुरू हुआ है। इसी चैनल पर राजश्री का डेली सोप "वो रहने वाली महलों की" पिछले लगभग पांच साल से जारी है। "झिलमिल सितारों का आंगन होगा" शो की कहानी आकाश के इर्द-गिर्द घूमती है जिसने अँगना से शादी करने के बाद घर-जँवाई बनकर रायचंद परिवार में कदम रखा है। आकाश की भूमिका में हैं पंकज तिवारी, जबकि श्रेया झा बनी हैं अंगना। शो का प्रसारण सोमवार, 27 फरवरी से रात 9 बजे हो रहा है। अँगना रायचंद इंदौर के एक प्रतिष्ठित और सम्पन्न घराने की बेटी है। रायचंद परिवार में घर-जँवाई की परंपरा कई पीढियों से चली आ रही है। अंगना को पता नहीं है कि लडकी की बिदाई का क्या मतलब होता है। अंगना की सख्त माँ कल्याणी देवी ने बेटियों के सामने इसी तरह की छवि पेश की है। अंगना कभी इस परंपरा को तोडने का साहस नहीं कर सकी। लेकिन अंगना की जिंदगी में आकाश के कदम रखने के बाद हालात बदलने लगते हैं, क्योंकि आकाश के लिए आत्मसम्मन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है जबकि अंगना का मानना है कि दुनिया की हर खुशी उसके दरवाजे चलकर आती है। राजश्री प्रोडक्शंस के सूरज बडजात्या का कहना है कि "झिलमिल सितारों का आँगन होगा" राजश्री परंपरा का शो है। जिस तरह हमारी फिल्में परिवारों को जोडती हैं, वैसे ही यह शो भी उन्हें जोडने का ही काम करेगा। सूरज बताते हैं कि शो का शीर्षक हमने अपनी ही फिल्म "जीवन-मृत्यु" के चर्चित गाने से लिया है। इस शो में बिलकुल नई तरह की कहानी है, जो घर-जँवाई परम्परा का सच सामने लाती है, लेकिन सामाजिक परिवेश में। आकाश और अंगना अलग परिवेश में पले-बढे हैं, लेकिन जब वे शादी करते हैं तब इन सच्चाइयों का खुलासा होता है। दोनों के रिश्ते प्रभावित होने लगते हैं। यह शो दरअसल, इन दोनों के सफर की कहानी है। किस तरह दोनों प्यार की खातिर खुद को बदलते हैं, यही है "झिलमिल सितारों का आंगन होगा" का क्लाईमेक्स। सूरज बताते हैं कि हमने इस परिवार में एक नया स्वाद जोडने की कोशिश की है। जहाँ रायचंद परिवार की मुखिया हैं, जो अपनी बेटियों को विदा करने के बजाए उनके लिए घर-जँवाई ढूँढने में विश्वास रखती हैं। हमारे समाज में दामाद को बहुत ज्यादा अहमियत दी जाती है, लेकिन राजश्री ने इसका एक नया एंगल खोजकर उसे पारिवारिक विषय बनाकर नए अंदाज से पेश करने की कोशिश की है। यह मनोरंजक अंदाज में एक सामाजिक संदेश देने का प्रयास भी है।