मांगें मनवाने को महिलाओं ने उठाए बेलन,करती हैं प्रदर्शन
बांदा। इसे राजनीतिक महत्वाकांक्षा कहा जाए या फिर महिला सशक्तिकरण कि यूपी में बुंदेलखण्ड की बदहाल धरती में गुलाबी गैंग के बाद अब नवोदित महिला संगठन बेलन गैंग तेजी से विस्तार पा रहा है। गुलाबी गैंग में महिलाओं की पहचान जहां डंडा है वहीं बेलन गैंग से जुडी महिलाएं आन्दोलन के वक्त बेलन से लैस रहती हैं।
बुंदेलखण्ड में जब पिछले पांच साल के दौरान महिलाएं घर का चूल्हा-चौका छोड खुद से जुडे मुद्दों पर सडकों पर उतरीं तब किसी ने यह नहीं माना था कि अब आधी आबादी अपनी आजादी की लकीर खींच रही हैं। सम्पत पाल की अगुवाई में गठित गुलाबी गैंग ने देश ही नहीं, विदेशों में भी शोहरत हासिल की। नतीजा यह रहा कि उन्हें पेरिस और इटली से भी महिला सशक्तिकरण पर आमंत्रण मिले। कांग्रेस ने राजनीतिक फायदे की गरज से सम्पत को विधानसभा का चुनाव लडाया तो इससे> संगठन की साख को नुकसान पहुंचा। इसी मौके का फायदा उठाते हुए बांदा की पुष्पा गोस्वामी ने शहरी महिलाओं को एकजुट कर बेलन गैंग नाम से नया संगठन बनाया।
गुलाबी गैंग की महिलाओं ने जहां अपने आंदोलन के दौरान गुलाबी साडी और डंडे को हथियार बनाया वहीं बेलन गैंग की महिलाओं क अस्त्र बेलन बना। बेलन गैंग ने बिजली, पानी, स्वास्थ्य से लेकर रसोई गैस की कालाबाजारी तक को मुद्दा बनाया व शहरी महिलाएं आंदोलन करती नजर आई। वामपंथ से जुडे बुजुर्ग अधिवक्ता रणवीर सिंह चौहान महिलाओं के उभरते संगठनों को अच्छा संकेत मानते हैं। लेकिन वह हर सामाजिक संगठन को राजनीति से दूर रहने की सलाह देते हैं। गुलाबी गैंग की सम्पत पाल का कहना है, मैं कांग्रेस से चुनाव जरूर लडी पर महिलाओं से जुडे मुद्दों को मैंने पीछे नहीं धकेला। मेरा पूरा ध्यान संगठन में पुरानी ऊर्जा लाने पर है।