महिला की सम्पति नहीं है कौमार्य, लागू नहीं होती धारा 376 और 420 : न्यायालय

महिला की सम्पति नहीं है कौमार्य, लागू नहीं होती धारा 376 और 420 : न्यायालय

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शादी का दिलासा देकर धोखाधडी और दुष्कर्म करने के मामले में पीडिता के कौमार्य को बतौर संपत्ति मानने से इनकार कर दिया और आरोपी को जमानत दे दी। जस्टिस थिप्से ने इस बात पर सवाल उठाया कि आरोपी पर आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला क्यों दर्ज किया गया है, जो किसी संपत्ति के लेन-देन में बेईमानी से जु़डा है।

जस्टिस थिप्से ने कहा, एक अन्य हाई कोर्ट का फैसला कहता है कि कौमार्य संपत्ति है, लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं। महिला शादी से पहले इस तरह के संबंध बनाने से मना कर सकती थी। कोर्ट ने म्हात्रे को 25 हजार रूपये के मुचलके पर जमानत दे दी।

एक महिला ने सेंट्रल रेलवे में कार्यरत गिरीश म्हात्रे (27) के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) और धारा 420 (धोखाध़डी) के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके खिलाफ म्हात्रे ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। जस्टिस एएम थिप्से ने कहा, प्रार्थी और शिकायतकर्ता 2007 से एक रिश्ते में थे। दोनों में सहमति के आधार पर संबंध बने। 4 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई, क्योंकि प्रार्थी ने किसी अन्य लडकी से शादी कर ली इसलिए इस मामले में प्रार्थी को जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता।