रिव्यू : हंसाती और गुदगुदाती है टोटल धमाल

रिव्यू : हंसाती और गुदगुदाती है टोटल धमाल

कलाकार : अजय देवगन, माधुरी दीक्षित, अनिल कपूर, ईशा गुप्ता, रितेश देशमुख, बोमन ईरानी, अरशद वारसी, जावेद जाफरी, जॉनी लीवर और संजय मिश्रा।
निर्देशक : इंद्र कुमार।


साल 2007 में आई फिल्म ‘धमाल’ ने दर्शकों को हंसी से लोटपोट कर दिया था। इसके बाद साल 2011 में ‘डबल धमाल’ आई। अब इस सीरीज की तीसरी फिल्म ‘टोटल धमाल’ बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई है। फिल्म की कहानी काफी हद तक ‘धमाल’ से मिलती-जुलती है मगर फिर भी यह फिल्म आपका मनोरंजन करने में कम सफल साबित होती है। ‘टोटल धमाल’ का क्लाईमैक्स कही न कही थोड़ा कमजोर है और फिल्म का मजा किरकिरा करता है। इस फिल्म में अजय देवगन, माधुरी दीक्षित, अनिल कपूर, रितेश देशमुख, अरशद वारसी, जावेद जाफरी, संजय मिश्रा और पितोबाश त्रिपाठी जैसे कलाकार भी अहम भूमिका में हैं।

इंद्र कुमार ने इस फिल्म का निर्देशन किया है। फिल्म ‘टोटल धमाल’ की कहानी काफी हाफ हद तक पहले हाफ से मिलती जुलती है। फिल्म के पहले हाफ में ऐसे कई सीन्स जो आपको खूब हंसाएंगे। एंटरटेनमेंट की बात की जाए तो ये फिल्म भी करती है लेकिन कहीं ना कहीं धमाल की बराबरी ये फिल्म नहीं कर पाई है। अरशद वारसी और जावेद जाफरी ने जहां पर चीजों को पिछली फिल्म में छोड़ा था शुरुआत वही से की है। अजय देवगन के किरदार में संजीदगी और कॉमेडी का मिश्रण देखने को मिलता है जो फिल्म में पूरी तरह से फिर बैठता है। माधुरी के काम में ईमानदारी दिखाई देती है।

कहानी : फिल्म की शुरुआत राधे (अजय देवगन) और उसके असिस्टेंट जॉन (संजय मिश्रा) से होती है, जो पुलिस कमिश्नर (बोमन ईरानी) के 50 करोड़ रुपए के ऊपर अपना हाथ साफ कर देते है। फिल्म के सभी किरदार पैसों के भूखें है। राधे और जॉन को उनका ड्राइवर पिंटो (मनोज पाहवा) ऐन वक्त पर धोखा देकर 50 करोड़ के साथ नौ-दो-ग्यारह हो जाता है। एक हेलीकॉप्टर क्रैश में जब उसकी मौत हो जाती है तो मरने के पहले वो अविनाश (अनिल कपूर), बिंदु (माधुरी दीक्षित), अदि (अरशद वारसी), मानव (जावेद जाफरी), लल्लन (रितेश देशमुख) और को इस बात की जानकारी देता है कि उसने वो पैसे एक चिडिय़ा घर के अंदर छुपाकर रखे हैं।

बस इसके बाद सभी उसकी खोज में लग जाते हैं और कई परेशानियों को पार करके वो जनकपुर के उस चिडिय़ा घर में कैसे कैसे पहुंच जाते हैं। उसके बाद 50 करोड़ ढूंढऩे की कवायद शुरू हो जाती है जिसके बीच शामिल है चिडिय़ा घर के जानवरों की जान बचाना और खुद की जान बचाना। फिर फिल्म काफी मजेदार हो जाती है और क्या-क्या होता है इसको जानने के लिए आपको सिनेमाहॉल में जाना पड़ेगा।

अभिनय : जावेद जाफरी, अजय देवगन, माधुरी दीक्षित और अनिल कपूर का अभिनय लाजवाब है। संजय मिश्रा और बोमन ईरानी ने भी अपने किरदार बखूबी निभाए है। लेकिन अरशद वारसी और रितेश देशमुख इस बार प्रभावित करने में असफल हुए हैं।

निर्देशन : इंद्र कुमार के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म उनके द्वारा ही निर्देशित ‘धमाल’ को टक्कर देने में तो असफल होती है मगर फिर भी उनकी मेहनत सराहनीय है। अगर आप बिना कोई लॉजिक लगाए इस फिल्म को देखते हैं तो आपको खूब मजा आएगा। कुछ सीन्स बड़े ही उम्दा तरीके से फिल्माए गए हैं और फिल्म के माध्यम से इंद्र कुमार का दर्शकों को एंटरटेन करने का मकसद पूरी तरह सफल होता है।

म्यूजिक : फिल्म का म्यूजिक निराश करता है। जहां ‘मुंगड़ा’ और ‘पैसा पैसा’ जैसे रिक्रिएटेड सॉन्ग्स ज्यादा कैची नहीं है, वहीं ‘स्पीकर फट जाए’ भी दर्शकों के दिल में जगह बनाने में असफल हुआ है। हालांकि, बैकग्राउंड स्कोर काफी बढिय़ा है।

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