प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह म्यांमार रवाना, बहादुर शाह के मकबरे पर जाएंगे

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह म्यांमार रवाना, बहादुर शाह के मकबरे पर जाएंगे

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह रविवार को म्यांमार के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना हो गए। वहां वह व्यापार तथा ऊर्जा क्षेत्र में आपसी सहयोग की नई सम्भावनाएं तलाशेंगे। म्यांमार के तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को रवाना हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के यंगून स्थित मकबरे पर भी जाएंगे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने दौरे के अंतिम दिन यंगून के दागोन टाउनशिप स्थित बहादुर शाह के मकबरे पर जाकर पुष्प और चादर चढाएंगे। ब्रिटिश शासन ने 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के बाद बहादुर शाह को म्यांमार (तत्कालीन बर्मा) निर्वासित कर दिया था। जहां सात नवम्बर, 1862 को 87 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। बहादुर शाह की मौत के दशकों बाद यहां उनका मकबरा बनाया गया। यहां उनकी पत्नी जीनत महल और पोती रौनक जमानी भी दफन है। म्यांमार के मुसलमान बहादुर शाह के मकबरे को बेहद पाक मानते हैं। उनका विश्वास है कि यदि यहां कुछ दिल से मांगा जाए तो उनकी कामना अवश्य पूरी होती है।

बताया जाता है कि बहादुर शाह निर्वासन के दिनों में यहां रहते हुए फकीर हो गए थे। अपने देश की याद कभी उनके जेहन से गयी नहीं और आखिरी दम तक इस बात का मलाल रहा कि उन्हें दफन होने के लिए भी अपनी मातृभूमि नसीब नहीं हुई। उन्होंने लिखा भी, कितना है बदनसीब जफर, दफन के लिए दो गज जमीं भी न मिली कुए यार में। प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच बस सेवा शुरू करने पर समझौते की भी उम्मीद है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह म्यांमार के राष्ट्रपति थेन सिएन से सोमवार को राजधानी नेपेडा में मुलाकात करेंगे, जहां पिछले करीब 50 वर्षो से सैनिक शासन है। इसके बाद वह यंगून जाएंगे जहां वह लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री के साथ उनकी पत्नी गुरशरण कौर, विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी हैं। पिछले करीब 25 वर्षो में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली म्यांमार यात्रा है। इससे पहले वर्ष 1987 में राजीव गांधी बतौर प्रधानमंत्री म्यांमार के दौरे पर गए थे। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री और सिएन के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होना है। इसमें दोनों देशों के बीच उडानों की संख्या बढाने से सम्बंधित समझौता भी शामिल हो सकता है। म्यांमार में विकास परियोजनाओं के लिए भारत नए ऋणों की घोषणा भी कर सकता है। प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एक बस सेवा शुरू करने के समझौते पर हस्ताक्षर की भी उम्मीद है, जो मणिपुर में इम्फाल और म्यांमार मंडाले को जोडेगी। प्रधानमंत्री की म्यांमार यात्रा से पहले गुरूवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान बडी भारतीय कम्पनियों के कार्यकारी अधिकारियों का एक दल भी उनके साथ गया है।