समय और धन की बर्बादी है जोकर

समय और धन की बर्बादी है जोकर

फिल्म समीक्षा
बैनर : हरिओम एंटरटेनमेंट, थ्रीज कम्पनी, यूटीवी मोशन पिक्चर्स
निर्माता : रोनी स्क्रूवाला, फराह खान, अक्षय कुमार
कथा-पटकथा,

गीतकार, सम्पादक, निर्देशक : शिरीष कुंदर
म्यूजिक : गौरव डगाँवकर, जी वी प्रकाश कुमार
एक्टर : अक्षय कुमार, सोनाक्षी सिन्हा, श्रेयस तलपडे, मिनीषा लाम्बा, असरानी, चित्रांगदा और डरावने एलियंस


शिरीष कुंदर की इस फिल्म में अक्षय ने शुरूआत में कुछ रूचि दिखायी लेकिन बाद में ढीली दिखाई दी। फिल्म की कहानी एक छोटे से गांव पगलापुर की हैं जहां पानी और बिजली जैसी बेसिक सुविधाएं भी नहीं हैं। भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक अगस्त्य (अक्षय कुमार) जो अपनी पे्रमिका (सोनाक्षी सिंहा) के साथ अपने गांव पागलपुर पहुंचता है अपने पिछडे गांव को देख हैरान हो जाता हैं। गांव इतना पिछडा हुआ है कि भारत के नक्शे में उस गांव का कहीं नामो निशान तक नहीं हैं।

यह देख अगस्त्य दुनिया का ध्यान गांव की ओर खींचने के लिए दूसरी दुनिया से आए कुछ एलियंस खुद बनाता है। पगलापुर को इंटरनेशनल मेप पर लाने के लिए वह ऎसी फिजूल हरकत करता है कि दुनिया भर का मीडिया, पुलिस, सेना, एफबीआई और नासा के वैज्ञानिक तक वहां पहुंच जाते हैं, लेकिन कोई भी पगलापुर के पागलों की चालाकी समझ नहीं पाते। कद्दू, तरबूज, पपीते, करेले और मिर्च से बनाए गए एलियंस के झूठ को वे पकड नहीं पाते। टैंक और हाथ में बंदूक लिए खडे सैनिक बस एलियंस को निहारते रहते हैं। वे आगे बढकर उन्हें पकडते भी नहीं।

इसके अतिरिक्त सबसे बडी खामी यह है कि जिस गांव में सारे पागल हैं और ढूंढने पर भी कोई औरत नहीं मिलती वहां की पैदाइश अक्षय कुमार पढ-लिखकर वैज्ञानिक कैसे बने। गांव के लोगों को रिझाने के लिए चित्रांगदा कहां से आई और फिर कहां गई कुछ पता नहीं। सोनाक्षी, मिनिषा और चित्रांगदा के अतिरिक्त कोई और स्त्री ढूंढे नहीं मिलती। सोनाक्षी सिन्हा के हिस्से में एक दमदार डायलॉग तक नहीं आया और पूरी फिल्म में वे अपने मोटापे को छिपाते हुए नजर आई। श्

रेयस तलपडे से जिस भाष्ाा में शिरीष कुंदर ने संवाद बुलवाए हैं वह शायद उनके एलियंस भी नहीं समझ पाते। बुर्जुग हास्य कलाकार असरानी की काबलियत पर शिरीष कुंदर ने सवालिया प्रश्न लगा दिया है। कलाकारों की लम्बी फौज के होते भी शिरीष उनका पूरी तरह उपयोग नहींकर पाए। अदाकारों को जिस तरह के परिधान पहनाए गए हैं वह आमिर खान की लगान की नकल है।