जयललिता की जमानत याचिका पर सुनवाई 6 अक्टूबर को

जयललिता की जमानत याचिका पर सुनवाई 6 अक्टूबर को

बेंगलुरू। कर्नाटक उच्चा न्यायालय की अवकाश पीठ के न्यायाधीश ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई मंगलवार को छह अक्टूबर तक के लिए टाल दी। याचिका पर अब छह अक्टूबर को न्यायालय की नियमित पीठ सुनवाई करेगी। जयललिता ने इस याचिका में निचली अदालत द्वारा उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सुनाई गई चार साल कैद की सजा निलंबित करने और जमानत देने का अनुरोध किया है।
याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति रत्नकला ने इसकी सुनवाई के लिए छह अक्टूबर की तिथि निर्धारित की, जब दशहरा के एक सप्ताह के अवकाश के बाद उच्चा न्यायालय में नियमित रूप से कामकाज शुरू होगा। जयललिता को एक विशेष अदालत ने आय से अधिक 66 करो़ड रूपये के मामले में शनिवार को दोषी ठहराते हुए चार साल कैद और 100 करो़ड रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
 वरिष्ठ आपराधिक वकील राम जेठमलानी जयललिता का मुकदमा ल़ड रहे हैं। उन्होंने अपनी मुव�क्कल के लिए तुरंत अंतरिम राहत की मांग करते हुए कहा कि चूंकि उन्हें 10 साल कैद से कम की सजा सुनाई गई है, इसलिए वह जमानत पाने की हकदार हैं। लेकिन न्यायाधीन ने कहा कि जब तक वह अभियोजन पक्ष की दलीलें नहीं सुन लेतीं, वह इस याचिका पर विचार नहीं करेंगी।
 इस बीच, विशेष लोक अभियोजक जी. भवानी सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले में राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई संदेश नहीं मिला है। सिंह ने अदालत परिसर के बाहर संवाददाताओं से कहा, ""राज्य सरकार की ओर से मुझे इस मामले में अवकाश पीठ के समक्ष पेश होने और इस मामले में उनकी ओर से पैरवी करने का औपचारिक संदेश नहीं मिला है।"" सिंह ने यह भी कहा कि उन्हें इस मामले में विशेष न्यायाधीश जॉन माइकल डिकुन्हा द्वारा शनिवार को सुनाए गए 900 पृष्ठों के फैसले की प्रति भी अभी नहीं मिली है। वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने अदालत परिसर के बाहर संवाददाताओं से कहा, ""हमें इससे निराशा हुई है कि तकनीकी कारणों से यह मामला सोमवार (छह अक्टूबर) तक टल गया है।""