विदेशी निवेश के नियम ढीले किए गए

विदेशी निवेश के नियम ढीले किए गए

नई दिल्ली। सरकार ने जिंस एक्सचेंजों में विदेशी निवेश के नियमों में ढील दी है जिसके तहत उनमें विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बिना पूर्व सरकारी अनुमति के 23 प्रतिशत तक शेयर ले सकते हैं पर सीधे विदेशी इक्विटी निवेश के लिए सरकार से अनुमति का नियम लागू रहेगा।

डीआईपीपी की समेकित एफडीआई नीति के अनुसार एफआईआई के जिंस एक्सचेंजों में 23 प्रतिशत तक के निवेश के लिए अब सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए एफआईपीबी की अनुमति की जरूरत बनी रहेगी।

फिलहाल जिंस एक्सचेंजों में कुल विदेशी हिस्सेदारी की सीमा 49 प्रतिशत है। इस सीमा के तहत पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए निवेश की सीमा 23 प्रतिशत और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 प्रतिशत रखी गई है। डीआईपीपी ने कहा कि अब इस नीति को उदार बनाने का फैसला किया गया है। कुल सीमा में से सिर्फ एफडीआई के हिस्से के लिए सरकार की मंजूरी लेनी है। शेष 23 फीसद के लिए पूर्वानुमति की जरूरत नहीं होगी।