भारत में पहली बार हुआ गर्भाशय ट्रांसप्लांटेशन, बेटी अब बन सकती है मां

भारत में पहली बार हुआ गर्भाशय ट्रांसप्लांटेशन, बेटी अब बन सकती है मां

पुणे। देश में पहली बार गर्भाशय ट्रांसप्लांटेशन किया गया। पुणे के गैलेक्सी अस्पताल में गुरुवार रात करीब 9 घंटे चले ट्रांसप्लांटेशन के बाद सफलता हासिल की। चौंकाने वाली बात ये रही कि एक मां ने अपनी 21 वर्षीय बेटी को अपना गर्भ डोनेट किया है, क्योंकि बेटी गर्भ धारण करने में असमर्थ थी। मूल रुप से सोलापुर के अक्लकोट की रहने वाली 21 वर्षीय महिला की शादी एक साल पहले हुए थी। शादी के 6 महीने बाद डॉक्टर के पास चेकअप करने के लिए जाने पर पता चला कि महिला के गर्भाशय नहीं है। इसके बाद इस महिला की 41 वर्षीय मां ने अपना गर्भाशय अपनी बेटी को डोनेट करने का फैसला किया। लेकिन इस तरह का ट्रांसप्लांटेशन सोलापुर में संभव नहीं था।

लेकिन यह रिस्क पुणे के गैलेक्सी हॉस्पिटल के डॉ. शैलेश पुणे तांबेकर और उनकी टीम ने उठाया।  लैप्रोस्कोपी द्वारा किए जाने वाले इस गर्भाशय ट्रांसप्लांटेशन के लिए राज्य के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग से इजाजत ली गई थी। इस ट्रांसप्लांटेशन के लिए 12 डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई थी, जिसमें विदेश के भी डॉक्टर शामिल थे। इसके बाद गुरुवार दोपहर 12 बजे यह ट्रांसप्लांटेशन शुरु किया गया।

पहले 6 डॉक्टरों की टीम ने डोनर महिला का गर्भाशय निकाला। इसके लिए उन्हें पांच घंटे का समय लगा। वहीं यह गर्भाशय ट्रांसप्लांट करने के लिए चार घंटे का समय लगा। आखिरकार नौ घंटे की मशक्कत के बाद रात 9 बजे यह ट्रांसप्लांटेशन सफल हुआ। लेप्रोस्कोपी द्वारा किया गया यह देश का पहला गर्भाशय ट्रांसप्लांटेशन था। इसके लिए फीस नहीं ली गई। तीन और ट्रांसप्लांटेशन भी मुफ्त में किए जाने वाले हैं।

क्या देखा अपने: दिव्यांका त्रिपाठी का ये नया अदांज

तिल ने खोला महिला के स्वभाव का राज

लडकों की इन 8 आदतों से लडकियां करती हैं सख्त नफरत