सुस्त पडी निर्यात की चाल, आयात में भारी कमी, 13.2 अरब डालर पर आया

सुस्त पडी निर्यात की चाल, आयात में भारी कमी, 13.2 अरब डालर पर आया

नई दिल्ली। देश का निर्यात कारोबार अप्रैल 2012 में सालाना आधार पर मात्र 3.2 फीसद बढकर 24.4 अरब डालर हो गया। निर्यात आय के मोर्चेे पर रूपए में कमजोरी का लाभ मध्यम से दीर्घावधि में ही मिलने की उम्मीद लगती है। हालांकि अप्रैल माह में आयात में भारी गिरावट के कारण व्यापार घाटा पिछले सात महीने के निम्नतम स्तर 13.2 अरब डालर पर पहुंच गया।

चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में आयात 3.8 फीसद बढकर 37.9 अरब डालर पर पहुंच गया। व्यापार घाटे में कमी से रूपए पर बना दबाव कम होना चाहिए जो कि सितम्बर, 2011 से अमेरिकी डालर के मुकाबले 15 फीसद तक गिर चुका है। शुक्रवार को भी रूपया 55 रूपए से ऊपर के स्तर पर था। वित्त सचिव आरएस गुजराल ने कहा, "पहली नजर में रूपए में गिरावट से निर्यातकों को रूपए के तौर पर ज्यादा मूल्य मिलेगा।

कुल मिलाकर लंबे समय में इससे निर्यातकों को मदद मिलेगी।" हालांकि निर्यातक समुदाय ने भी कहा कि रूपए में गिरावट से लंबे समय में मदद मिलेगी लेकिन खरीददार रियायत की मांग कर रहे हैं। भारतीय निर्यातक संगठनों के परिसंघ (फियो) के अध्यक्ष रफीक अहमद ने कहा, "खरीददार ज्यादा से ज्यादा रियायत की मांग कर रहे हैं।"

अहमद ने यह भी कहा कि रूपए में कमजोरी से आयात मंहगा होगा लेकिन इसका व्यापार घाटे पर अच्छा असर होगा। वित्त वर्ष 2011-12 में देश का व्यापार घाटा बढकर 185 अरब डॉलर तक पहुंच गया जो अब तक का उच्चतम स्तर है। हालांकि निर्यात विस्तार की गति कम हुई है लेकिन कुल मूल्य के लिहाज से तेजी आई है जबकि मार्च में इसमें कमी आईजबकि निर्यात 5.7 फीसद कम हुआ था।