ईरान और पश्चिम एशियाई देशों पर इस्त्राइल का वायरस हमला

ईरान और पश्चिम एशियाई देशों पर इस्त्राइल का वायरस हमला

यरूशलम। ईरान और इस्त्राइल के बीच तल्खी से अब ऎसा लगता है कि इसने इंटरनेट युद्ध की शक्ल अख्तियार कर ली है और ईरान तथा सऊदी अरब, मिस्त्र, सूडान, सीरिया, लेबनान जैसे कई पश्चिम एशियाई देशों पर इस्त्राइल के वायरस हमले की सूचना है। उधर, इस्त्राइल सरकार ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम से कथित खतरे का हवाला देते हुए ऎसे कदम को उचित ठहराने की कोशिश की है।

सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक "फ्लेम" नामक यह वायरस पश्चिम एशिया के लाखों कंप्यूटर में प्रवेश कर गया है। यह वायरस बीते पांच वषोंü से मौजूद है और आधुनिक दौर के साइबर युद्ध में इसे घातक जासूसी हथियार के तौर पर देखा जा रहा है। अटकलें इस बात की हैं कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम के तंत्र को भेदने के मकसद से इस्त्राइल की ओर से यह वायरस छोडा गया है। इस्त्राइली उप प्रधानमंत्री मोशे यालोन ने वायरस संबंधी इस कदम को उचित ठहराया है। उनका कहना है, अगर कोई भी ईरानी खतरे को देखता है तो इसे बडा मानता है। यह सही है कि इसको लेकर कई कदम उठाए जाएंगे।

उधर, तेहरान में ईरानी अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि "फ्लेम" का हमला उसके कंप्यूटर और इंटरनेट तंत्र पर हुआ है। इस वायरस से नुकसान हुआ है और बडे पैमाने पर डेटा गायब हो गए हैं। इसके साथ ही ईरानी संचार मंत्रालय ने यह भी ऎलान किया है कि उसने इस वायरस की सफाई के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया है। रूस की इंटरनेट सुरक्षा कंपनी "कैस्पेरस्की लैब" ने "फ्लेम" का पता लगाया है। ईरान के अलावा प. एशिया के कई देशों में इस वायरस का हमला हुआ है। यह वायरस संवेदनशील सूचनाओं को एकत्र करके डिलीट कर सकता है। इस वायरस ने ईरान के अलावा पश्चिमी तट, सूडान, सीरिया, लेबनान, सऊदी अरब और मिस्त्र के कंप्यूटरों पर हमला किया है।