चीनी अंतरिक्ष परी पहुंची नीलगगन के पार

चीनी अंतरिक्ष परी पहुंची नीलगगन के पार

बीजिंग। चीन ने अपने अंतरिक्ष स्टेशन को विकसित करने की दिशा में इतिहास रचते हुए शनिवार को देश की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री ल्यू यांग को नील गगन के पार भेजने में कामयाबी पाई। यांग और उनके दो अन्य पुरूष सहयोगियों को लेकर चीन का शेंझोऊ-09 यान अंतरिक्ष में मौजूद तिआनगोंग-01 अंतरिक्ष माडयूल के लिए रवाना हुआ। यह माडयूल आसमानी महल तिआनगोंग कहलाने वाली चीन की महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष स्टेशन परियोजना का शुरूआती प्रयोगात्मक ढांचा भर है।

चीन के राष्ट्रपति हू जिन्ताओ ने देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में हासिल की गई इस अभूतपूर्व कामयाबी पर बेहद खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह मेरे लिए एक बेहद हर्ष का क्षण है और मैं उन सभी लोगों को बधाई देना चाहता हूं जो देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को आगे ले जाने की दिशा में प्रयासरत हैं। यांग पेशे से एक वायुसेना पायलट हैं और उन्हें 2010 में चीन ने तैकोनाट अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुन लिया था। वह विश्व की 57वीं महिला अंतरिक्ष यात्री हैं। इस उडान के दौरान यांग पर शेंझोऊ को तिआनगोंग-01 से जोडने (डौक) करने की जिम्मेदारी होगी। विश्व की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री वेंलेतीना तेरेश्कोवा को सोवियत संघ ने आज से 49 वर्ष पहले अंतरिक्ष में भेजा था।

तिआनगोंग-01 को पिछले वर्ष धरती की सतह से 343 किलोमीटर ऊपर कक्षा में स्थापित किए जाने के बाद से यह पहला अवसर है जब उस पर कोई मानवयुक्त उडान भेजी जा रही है। अंतरिक्ष यात्री इस माडयूल में दस दिनों का समय व्यतीत करने के बाद पृथ्वी पर वापसी करेंगे। उल्लेखनीय है कि चीन का इरादा वर्ष 2020 तक अंतरिक्ष में अपना खुद का ही एक स्थाई ठिकाना बनाने का है जो पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर निर्भर होगा। चीन इसके जरिये रूस और अमेरिका के अंतरिक्ष पर दबदबे को चुनौती देना चाहता है। समुद्र तल में दफन रूस के अंतरिक्ष स्टेशन मीर और मौजूदा समय में अंतरिक्ष में तैर रहे रूस, अमेरिका के संयुक्त सहयोग से विकसित अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के बाद यह विश्व का तीसरा अंतरिक्ष स्टेशन होगा।