12 घंटे के भारत बंद का देशभर में असर

12 घंटे के भारत बंद का देशभर में असर

पेट्रोल की कीमत में की गयी भारी वृद्धि के विरोध में विपक्षी दलों की ओर से आहूत भारत बंद के दौरान अनेक राज्यों में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और विभिन्न स्थानों पर हजारों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।ज्यादातर राज्यों में रेल व स़डक परिवहन प्रभावित रहा, लोगों को दैनिक जरूरतों की पूर्ति में परेशानियां हुईं, कार्यालयों में उपस्थिति कम रही, ज्यादातर स्कूल-कॉलेज बंद रहे, दुकानें व व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे। कुछ छिटपुट घटनाओं के अलावा देशभर में बंद शांतिपूर्ण कुछ स्थानों पर मंत्रियों और सांसदों ने पेट्रोल की कीमत में वृद्धि के विरोध में साइकिल अथवा रिक्शे की सवारी की।इस दौरान रेल और स़डक यातायात को जगह-जगह रोका गया। अनेक स्थानों पर लम्बी दूरी की बसें नहीं चली। दिल्ली में वामपंथी दलों के प्रमुख नेताओं ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और गिरफ्तारियां दीं।केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों के कार्यालयों पर प्रदर्शन किया गया। कार्यालयों पर एहतियात के तौर पर पुलिस बन्दोबस्त किए गए थे। बहरहाल, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बंद का विरोध किया। उसने कर्मचारियों को ड्यूटी पर उपस्थित होने का आदेश दे दिया था। बन्द का समर्थन नक्सलियों ने भी किया। उन्होंने इसके समर्थन में अपने प्रभाव वाले इलाकों में पोस्टर लगाकर लोगों से बन्द में हिस्सा लेने को कहा था।बंद के दौरान स्थानीय यातायात नहीं रहने से इन इकाइयों में सैक़डों कामगार और मजदूर काम पर नहीं पहुंच सकेउत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और मुगलसराय में रेल गाडियों को रोका गया। इसके कारण व्यस्ततम हाव़डा-दिल्ली रेलमार्ग पर कुछ समय तक रेल सेवा बाधित रही। अनेक स्थानों पर सडक यातायात को भी रोका गया।