टीम अन्ना को चेतावनी देकर छोडा

टीम अन्ना को चेतावनी देकर छोडा

नई दिल्ली। टीम अन्ना के सदस्यों द्वारा संसद सदस्यों पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को संसद ने आपत्तिजनक मानते हुए चेतावनी देकर छोड दिया है। टीम अन्ना के बयानों को अपमानजनक मानते हुए मंगलवार को लोकसभा में जदयू अध्यक्ष शरद यादव के निंदा प्रस्ताव पर बहस तो हुई, लेकिन कोई कार्रवाई या प्रस्ताव पास करने की नौबत नहीं आई। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने बहस के बाद अपनी टिप्पणी में कहा कि संसद तथा सांसदों की गरिमा के खिलाफ कुछ भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संसद देश का सामूहिक विचार प्रदर्शित करती है। ऎसी कोई भी टिप्पणी जो संसद की गरिमा को कम करती हो, अवांछित और अस्वीकार्य है। इसी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ने निंदा प्रस्ताव खारिज कर दिया। सबसे ज्यादा मेजें मुलायम सिंह के बयान पर थपथपाई गईं। सदन ने समवेग स्वर में टीम अन्ना को चेतावनी देते हुए उन बयानों को खारिज किया जिसमें सांसदों को अपराधी, लुटेरा और संसद को अपराधियों का जमाव़डा कहा गया था। स्पीकर मीरा कुमार ने सदन की भावना को दर्शाते हुए लिखित बयान पढ़ा। वहीं, केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने चुनौती दी कि उनके खिलाफ एक पैसे की बेईमानी साबित हुई तो वह संसद ही नहीं, सियासत भी छो़ड देंगे। द्रमुक सांसद टी.के. एलानगोवन और शिव सेना के आनंद अडसुल ने भी टीम अन्ना के सदस्यों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई पर जोर दिया। कांग्रेस के जगदंबिका पाल ने नागरिक समाज के उन लोगों पर सवाल उठाया जो एनजीओ फंड के दुरूपयोग के मामलों में कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत करते हुए जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि संसद और चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं पर हमला न हो। यदि हो तो इसे सुनिश्चित करना लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी है। हालांकि, भाजपा और वामदल बोलने से बचे। वहीं, राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह ने उन दलों पर चुटकी ली जो अन्ना के कार्यRमों में हिस्सा लेने गए थे, लेकिन लोकपाल विधेयक पारित कराने में अ़डंगा लगा रहे थे।