रिश्तों में कोई खटास नहीं, अब भी है याराना : अमिताभ

रिश्तों में कोई खटास नहीं, अब भी है याराना : अमिताभ

नई दिल्ली। बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन ने कहा है कि गांधी परिवार के प्रति उनकी भावनाओं में कोई परिवर्तन नहीं आया है तथा उनके मन में कोई क्रोध, कोई आक्रोश नहीं है। ज्ञात रहे, अमिताभ और गांधी परिवार के सबंध गत कुछ वषोंü के दौरान तनावपूर्ण रहे हैं। बिग-बी ने एक समाचार चैनल पर यह पूछे जाने पर कि क्या वह अब भी गांधी परिवार के मित्र हैं, कहा कि निश्चित रूप से, मेरे मन में कोई बदलाव नहीं आया है। मैं उनका हमेशा सम्मान करूंगा। हम कुछ मौकों पर सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान मिलते हैं। से कहा कि यह पहुंच का सवाल नहीं है। जब तक आप समझते हैं, मेरे लिए यह आवश्यक नहीं कि मैं प्रत्येक दिन आपसे मुलाकात करूं और आपको बताऊं कि मैं आपका मित्र हूं। हमने साथ समय बिताया है।

संबंधों में ये चीजें मायने नहीं रखतीं। उनहत्तर वर्षीय अमिताभ अपने पुराने मित्र राजीव गांधी के सहयोग से वर्ष 1984 में राजनीति में आए। वे इलाहाबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीते। उन्हें तीन वर्ष बाद उन्हें उस समय त्यागपत्र दे दिया जब उनके परिवार को बोफोर्स घोटाले में खींचा गया। बहरहाल, अमिताभ इससे इनकार करते हैं कि घोटाले की वजह से दोनों परिवारों के बीच दूरियां आ गईं। वे बोफोर्स विवाद के बाद के दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि उन दिनों सडकों पर चलना मुश्किल हो गया था।

उन्होंने कहा कि जब मैं सडक पर चलता था या शूटिंग के लिए जाता था लोग मेरे लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते थे। वे मुझे देशद्रोही कहते। हमने वह सभी झेला। मैं वह सब इसलिए झेल सका क्योंकि मेरे पास एक ऎसा परिवार था,जो मेरे साथ खडा था। उन्होंने कहा कि हम अंतत: आरोपों से तब बाहर निकल पाए जब रॉयल कोर्ट ऑफ लंदन ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया। इसके साथ ही हम पर कुछ तीखे आरोप लगाने वाले कुछ लोगों ने हमसे अदालत के बाहर मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह अध्याय समाप्त हुआ और चलिए बाहर में समझौता कर लेते हैं तथा हमने अदालत के बाहर समझौता कर लिया।

बहरहाल अमिताभ क़डवे दिनों को पीछे छोडना चाहते हैं तथा वे यह जानने को इच्छुक भी नहीं हैं कि घोटाले में उनका नाम किसने खींचा। उन्होंने कहा कि इतिहास की पुस्तकों से कुछ पंक्तियां हटाने से अधिक कुछ बदलने वाला नहीं है। क्या होगा यदि आपको पता भी चल जाएक् आप कुछ नहीं कर सकते। इसका प्रभाव केवल मेरे जीवन पर नहीं पडा। मैं एक सामान्य मनुष्य हूं। इसने पूरे देश के राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया।