एक जैसी भूमिकाओं का डर नहीं : अली जफर

एक जैसी भूमिकाओं का डर नहीं : अली जफर

पाकिस्तानी मूल के सिंगर, संगीतकार, गीतकार और अभिनेता अली जफर को बॉलीवुड फिल्मों में अब काम मिलने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। गत वर्ष यशराज फिल्म्स के साथ काम करने के बाद उन्हें बॉलीवुड में युवा नायकों की कतार में शामिल कर लिया गया। "मेरे ब्रदर की दुलहन" में उन्होंने अपने अभिनय के जौहर दिखलाए। हाल ही में प्रदर्शित हुई उनकी एकल नायक वाली फिल्म "लंदन पेरिस न्यूयार्क" को बॉक्स ऑफिस पर अच्छी सफलता मिली है। इस फिल्म की सफलता से बॉलीवुड में अली जफर को भविष्य का सितारा माना जा रहा है। अपनी अब तक की सभी फिल्मों में अली जफर ने हास्य भूमिकाओं को निभाया है। अपनी पहली फिल्म "तेरे बिन लादेन" के बाद उन्होंने "मेरे ब्रदर की दुलहन" और अब "लंदन पैरिस न्यूयॉर्क" के बाद अली जफर डेविड धवन की "चश्मे बद्दूर" में कॉमेडी करते नजर आएंगे। यह उनकी चौथी कॉमेडी फिल्म होगी। लगातार कॉमेडी फिल्में करने से क्या अली को टाइपकास्ट होने का डर नहीं है, यह पूछने पर अली कहते हैं, "अभी तक मेरी फिल्में एक-दूसरे से बिलकुल अलग हैं, इसलिए टाइपकास्ट होने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता। रही बात "चश्मेबद्दूर" की, तो मैं इसमें कॉमेडी नहीं कर रहा, बल्कि यह एक सिचुएशनल कॉमेडी है।" स्क्रीन पर आने के लिए अपनी तैयारियों के बारे में वे कहते हैं, "मेरी यही कोशिश रहती है कि पटकथा में कैरेक्टर को जिस तरह से बयान किया गया है, उसे मैं और बेहतर बनाऊं।"