मासूम बेटे को प्रताडित करने वाले मां-बाप को मिली 10 साल की सजा

मासूम बेटे को प्रताडित करने वाले मां-बाप को मिली 10 साल की सजा

नई दिल्ली। दिल्ली की द्वाराका कोर्ट ने सौतेले बेटे पर जुल्म करने के दोषी पाए गए मां-बाप को दस-दस साल की सजा सुनाते हुए 50 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया गया है। बढते जुल्मों को सहता शौर्य के पिता ललित बलहारा आर्मी में मेजर जैसे वरिष्ठ पद पर रह चुके हैं। ललित बलहारा और उनकी दूसरी पत्नी यानी शौर्य की सौतेली मां प्रीति बलहारा ने मासूम पर इतने अत्याचार किए थे कि वह शारीरिक रूप से विकलांग तक हो गया।

 शौर्य अब 13 साल का है। लेकिन 3 साल की उम्र से ही वह इस कदर जुल्म का शिकार हुआ कि वह अभी भी उस सिंड्रोम से बाहर नहीं निकल पाया है। 3 साल के शौर्य को कई-कई दिन तक भूखा-प्यासा कमरे में बंद रखा जाता था। इसकी वजह से उसकी हालत विकलांगों की तरह हो गई। उसे इतनी बुरी तरह मारा-पीटा जाता था कि उसकी हालत अधमरे की तरह हो जाती थी। शौर्य की हालत ऎसी थी कि करीब 2 साल तक ज्यादातर समय वह हॉस्पिटल में ही रहा। उसे कभी हड्डी टूटने की वजह से तो कभी मस्तिष्क में खून के रिसाव की वजह से और कभी दांत टूटी हालत में तो कभी अधमरी स्थिति में हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया।

शौर्य की यह हालत किसी हादसे की वजह से नहीं बल्कि उसके मां-बाप के जुल्म की वजह से हुई थी। 2009 में टाइम्स ऑफ इंडिया में रिपोर्ट छपने के बाद यह मामला सामने आया था। 2005 में शौर्य के नाना-नानी ने शौर्य की कस्टडी हासिल करने के लिए कोर्ट में अर्जी दायर की थी। शौर्य के नाना-नानी ने उस पर किए जा रहे जुल्म के बारे में कोर्ट को बताया था।

कोर्ट के आदेश के 4 साल बाद 2009 में पुलिस ने कपल के खिलाफ हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया। बीते सोमवार को कोर्ट ने शौर्य के सगे पिता आर्मी में मेजर रह चुके ललित बलहारा और उनकी दूसरी पत्नी प्रीति बलहारा को हत्या की कोशिश और जूवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत दोषी ठहराया था और इस मामले में आज उन्हें 10-10 साल की सजा सुनाई गई है।