क्या हैं शादी की पाठशाला

क्या हैं शादी की पाठशाला

कहते हैं ना कि लडकियां शादी के बाद बहुत परिपक्व हो जाती हैं। दरअसल शादी वह पाठशाला है, जो उनको बहुत कुछ सिखाती है। जरा सोचिए शादी से पहले का एकदम बेफिक्र, मस्त और जिम्मेदारियों से मुक्त जीवन। यही मस्त, लापरवाह लडकी जब शादी के बंधन में बंधती है, तो धीरे-धीरे नए परिवेश के साथ तालमेल बिठाना सीखती है। शादी लडकियों की जिंदगी का बहुत अहम पडाव है, जिससे उनके मन की भावनाएं, इच्छाएं और ऐसी जरूरतें जो माता-पिता के घर में पूरी नहीं हो सकीं, जुडी होती है। अपनी अधूरी इच्छाएं वे ससुराल में पति के सहयोग से पूरी करना चाहती हैं। शादी मूलत: इस धारणा पर आधारित है कि अब मुझे बहुत से सुख मिलेंगे और मेरा जीवन बहुत खुशहाल हो जाएगा। लेकिन इस सबके लिए बहुत मेहनत और समर्पण की जरूरत होती है। ये उम्मीदें तब तक पूरी नहीं हो पाती हैं, जब तक वह खुद को उनके अनुसार ढाल नहीं लेती हैं। शादी उन्हें बहुत कुछ सिखाती है और सही मायनों में परिपक्व करती हैं। शादी के बाद लड़कियां कब, कैसे, क्या सीखती हैं-

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