विवाह का भविष्य रोमांस बना जुनून
क्या आपको लगता है मानव स्वभाव के लिए सामाजिक बंधन एक सही अवधारणा है! क्या कुछ समय पहले तक हम खुले रूप से समलैंगिकता की कल्पना कर सकते है आज दुनिया में जहां एक ही लिंग विवाह को कानूनी जामा पहनाया जा रहा है वही दुनिया के कुछ देशों में आज भी तलाक, महिलाओं के अधिकार या गैर पांरपरिक यौन संबंधो को नही अपनाया गया है। क्या यही एक सभ्य सामाज है जहां साठ प्रतिशत से अधिक तलाक सिर्फ विवाह संबंधो में कडवाहट के कारण हुए है। क्या आप सोच सकते है कि बाकी बची चालीस प्रतिशत शादियों में बिना मर्जी के हुई शादियां जिन्हे कुछ आपसी वित्तीय और सामाजिक दायित्वों की वजह से साथ रहने वाले मजबूरी है, शामिल है।