बॉडी पर नमक-चीनी और मसालों का प्रभाव
मसालों का इस्तेमाल मसाले खाने को स्वादिष्ट और सुगंधित बनाने के साथ ही साथ खाने को एक बेहतरीन लुक प्रदान करते है विशेषज्ञा के अनुसार मसालों में फाइटी न्यूट्रीऎंट्स होते हैं, जो मानव शरीर के हैल्दी सैल्स को कैंसर सैल्स में परिवर्तित होने से रोकते हैं। नमक की तरह कोई भी पैमाना मसालों के सुरक्षित प्रयोग और विषाक्त त�वों के बारे में सही और पूरी जानकारी नहीं देता। जितनी कम मात्रा में मसालों का प्रयोग किया जाएं मसाले हमें सुरक्षा भी प्रदान करते है। जैसे- हलदी स्वाद में कडवी और प्रभाव में गरम होती है यह कफ औरपित्त के दोषों को दूर करती है। कटने, छिलने और जलने पर हलदी का प्रयोग ऎटीसेप्टिक की तरह भी किया जाता है। इसकी गुण के कारण हलदी का प्रयोग स्वास्थ्य अैर सौंदर्यवर्धन के लिए भी होता है। लौंग दातं दर्द से लौंग तुरंत राहत प्रदान करती है यह एक बहुत अच्छ माउथ फै्र शर का काम भी करती है। दालचीनी यह एक पेड की छाल होती है यह गैस, बलगम, ह्वदय रोग, खुजली, पेट के कीडे सायनस दूर करने और वीर्य बढाने में सहसयक है। अदरक कोलैस्ट्रौल कम करने से लेकर रक्तचाप नियंत्रित करने और थकान दूर करने तक में सहायक है। शरीर में होने वाली बीमारियां से राहत पहुंचाते हैं, आंखों में चुभन, कैंसर, जोडों के दर्दü, छाती में जलन, और अलसर जैसीा बीमारियों से कई वषों से मसालों का प्रयोग बुखार पेट दर्द, बदहजमी, त्वचा रोग, बुखार आदि का उपचार के लिए होता आ रहा है। मसाले किसी भी बीमारी को पूरी तरह से ठीक तो नहीं कर सकते, लेकिन उस बीमारी की गंभीरता को काफी हद तक कम कर सकते है और कुछ हद तक आराम जरूर पहुंचाते हैं।