शिक्षक से मिलता है विधा का वरदान
समाचार पत्रों में टीवी पर आये दिन हमारे आमने-सामने, आस-पास घटित होने वाली उन घटनाओं सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर ये सब हो क्या रहा हैक् क्या किसी भी छात्र संगठन के छात्रों द्वारा शिक्षकों को अपमानित करना, उनके साथ मारपीट करना ये वाक्या किस हद तक सही है। अभी कुछ दिनों पहले ही एक स्कूल 11वीं के छात्र ने अपने टीचर की जमकर धुनाई कर दी थी। उस छात्र ने ऎसा क्यों किया यह सोचना भी एक बहुत बडा पहलू है। अगर हम मान भी लेते है कि हो सकता है उस बच्चे की कोई मजबूरी रही हो, या उस बच्चे को गुस्सा बहुत ज्यादा आता हो तो शिक्षक द्वारा कहीं गई बातों का, शिक्षक द्वारा उस छात्र के साथ किए गए व्यवहार से आहत होकर उस बच्चे ने इतना खौफनाक कदम उठाया। बात जो भी हो, लेकिन तरीका तो गलत ही हुआ।