कभी-कभी ऎसे कटाक्ष जिंदगीभर के नश्तर बन जाते हैं। बोलने वाला अपने दिल की भडास शब्दों के जरिए निकाल देता है और यह सोचता भी नहीं कि उसने जो जहर उगला है उसका असर लाइफ टाइम तक रहने वाला है। कई बार मजाक या शिकायत भरे लहजे में कही गई बात भी घाव बना जाती है और जब ये घाव अपनों के दिए हों तो पीडा और भी गहरी हो जाती है।