एसएमएस के जरिये लडाई... ना बन जायें दुखदायी...
मनोचिकित्सक का कहना है कि एसएमएस से जो बातचीत होती है उससे आपको आमने-सामने होने वाली बातचीत से तीन गुनी कम जानकारी मिलती है। आप पार्टनर की बॉडी लेंग्वेज, आवाज की टोन और चेहरे के हाव-भाव नहीं देख सकते। नतीजतन आप दोनों के बीच का कम्युनिकेशन काफी खराब हो जाता है।