रोग ग्रसितों के लिए वरदान है शरद पूर्णिमा, करें चंद्रकिरण युक्त खीर का सेवन

रोग ग्रसितों के लिए वरदान है शरद पूर्णिमा, करें चंद्रकिरण युक्त खीर का सेवन

पूर्णिमा को माँ लक्ष्मी के जन्म दिन के तौर पर मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर धरती पर विचरण करने आती हैं। ऐसे में इस दिन की गई मां लक्ष्मी की पूजा से भक्तों का भाग्य खुलता है और घर में धनवर्षा होती है। यूं तो हर घर में रोज ईश्वर की आराधना की जाती है लेकिन शरद पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी की विशेष पूजा का अपना ही अलग महत्त्व है। एक तरफ जहाँ शरद पूर्णिमा को माँ लक्ष्मी की विशेष पूजा के लिए जाना जाता है वहीं दूसरी ओर आयुर्वेद में शरद पूर्णिम का औषधिय गुणों के आधार पर अत्यधिक महत्त्व है। कहा जाता है कि इस दिन लोग विशेष रूप से खीर बनाते हैं और फिर उसे रात भर चन्द्रमा की रोशनी में रखते हैं और सुबह उसका सेवन करते हैं।

आइए डालें एक नजर आयुर्वेद के उन कारणों पर जिनके चलते शरद पूर्णिमा और उस दिन बना कर खाई जाने वाली खीर का चिकित्सा पद्धति में महत्त्व है...


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