लक्ष्मी को रोकने के लिए रावण भी करता था इन मंत्रों का जप
कुबेर को भी मनाएं
धन के अधिपति हैं यानी कुबेर देव को धन का देवता माना जाता है। वह
देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा के भी एकमात्र वही
स्वामी हैं। कुबेर भगवान शिव के भी परमप्रिय सेवक हैं। इनकी कृपा से किसी
को भी धन प्राप्ति के योग बन जाते हैं।
धन के अधिपति होने के कारण
इन्हें मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करके आप भी अपार धन सम्पदा के मालिक बन
सकते हैं।
कुबेर को प्रसन्न करने का सुप्रसिद्ध मंत्र इस प्रकार है- ॐ यक्षाय
कुबेराय वैश्रवणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।
कुबेर
मंत्र को दक्षिण की ओर मुख करके ही सिद्ध किया जाता है। यह देवताओं के
कोषाध्यक्ष कुबेर देव का अमोघ मंत्र है। इस मंत्र का तीन माह तक रोज 108
बार जप करें।
मंत्र का जप करते समय अपने सामने धनलक्ष्मी कौड़ी रखें। तीन माह के बाद
प्रयोग पूरा होने पर इस कौड़ी को अपनी तिजोरी या लॉकर में रख दें। ऐसा करने
पर कुबेर देव की कृपा से आपका लॉकर कभी खाली नहीं होगा। हमेशा उसमें धन
भरा रहेगा।