नीम कडवा मगर 100 बीमारियों की दवा

नीम कडवा मगर 100 बीमारियों की दवा

त्वचा व बालों का इलाज
रक्त को शुद्ध करने के लिये नीम को वरदान ही समझिए। नीम की छाल का काढा बनाकर पी लें। नीम की 20-25 नई कोपलें ले लें, चार-पांच दाने काली मिर्च डाल कर बेसन की रोटी में मिलाकर बनाए घी में खूब तर कर लें। इस तरह कम से कम आठ दिन तक खाएं। हाथ-पांव में अधिक पसीना आता हो, तो नीम रोगन का तेल अच्छी औषधि है। चेहरे पर कील मुंहासे होने पर नीम का तेल लगाएं। झाइयां और चेचक दाग छुडाने के लिये निंबोरी का तेल लगाएं। फ ोडे-फु ंसी हो, तो नीम की छाल घिसकर लेप करें। अगर बालों में लीख, जुएं हों तो नीम का तेल लगाएं। गंजापन हो गया हो तो नीम का तेल लगाएं। बाल पकने लगें तो नीम तथा बेर की पत्तियां पानी में उबालकर उस पानी से सिर धोएं। यदि बाल काले करना हो तो नीम को पानी में उबाल कर सिर धोएं। कम से कम एक महीने में नतीजा आपके सामने होगा। कुष्ठ रोग उपचार के लिये नीम वरदान समान है। इस रोग का इलाज नीम से हो सकता है। कुष्ठ रोग फू ट जाये तो नीम के नीचे सोएं, नीम खाएं, नीम बिछाकर सोएं। बुखार, पुराना बुखार, टाईफ ाइड हो, तो 20-25 नीम के पत्ती 20-25 काली मिर्च एक पोटली में बांधकर आधा किलो पानी में उबालें। पानी खौलने दें ढक्कन लगाकर रखें, ठंडा होने पर चार हिस्से बनाकर सुबह-शाम दो दिन तक पिलाएं।