संतान सुख की कमी से वैवाहिक जीवन में बाधा
नई पीढी नई सोच अब जमाना बदल चुका है। नई पीढी की प्राथामिकता बदल चुकी हैं। सरकार ने चहे शादी की उम्र 18 और 21 साल निर्धारित की ही, लेकिन आजकल शहरों में अधिकतर जोडे 25 पार उम्र में ही ही शादी करते हैं। कारण यह कि कॉलेज पूरा करने के बाद अच्छी जॉब ढूंढने में ही कुछ साल निकल जाते हैं, जिससे शादी में देरी होती है। नवदंपती भी शादी के एकदम बाद ही जिम्मेदारियों को बढाना नहीं चाहते है। वे नए जीवन को अपने ढंग से जीना चाहते हैं। वे अपने कैरियर की प्राथमिकता देते हैं। उनकी सोच होती है कि यह उम्र काम रकने की है, इसलिए वे बच्चो की जिम्मेदारी फिलहाल नहीं उठाना चाहते, लेकिन उनकी यह सोच उनके और बडो के बीच टकराव का कारण बनती है।