संतान सुख की कमी से वैवाहिक जीवन में बाधा

संतान सुख की कमी से वैवाहिक जीवन में बाधा

शादी के पवित्र बंधन से जहां दो परिवारों का मेल होता है, वहीं यह एक नए परिवार की आधाशिला भी बनती है। लोग पूरी जिंदगी एक साथ निभाने के लिए एक साथ होते हैं और इसी साथ को और पक्का करती है तीसरी जिंदगी यानी संतान। बच्चा पति-पत्नी को माता-पिता बनने का सुख और अधिकतर दिलाता है। उसकी एक मनमोहक मुस्कान खाली घर में जैसे बहार ला देती है। पविार रूपी संस्था को बरकार रखने के लिए बच्चो का होना अत्यावश्यक है, लेकिन अगर किसी परिस्थितिवश विवाह पश्चात संतानोपत्ति में देरी हो जाए या संतान न हो तो यह कमी हंसते-खेलते परिवार में भी एक सूनापन ला देती है। ऎसे एक नहीं अनेक उदाहरण हें, लेकिन सब में एक ही मूल कारण है संतान न होना या होने में देरी। शारीरिक कमियों के अलावा भी इसकी कई वजहें हो सकती हैं, जिन्हें समझना होगा, जैसे-