रिश्तों को दें टाइम...ना करें टाइम पास
चाहे माता-पिता बच्चें का रिश्ता हो, भाई-बहन का या फिर पति-पत्नी का। हमारे पास सब कुछ है, पर बात करने का टाइम नहीं है। बात सिर्फ समय की कमी की नहीं है, बात है हमारी बदलती लाइफस्टाइल के चलते हमारा बदलता एटीट्यूड। वक्त निकालना चाहें, तो निकल सकता है, लेकिन हमें अन्य चीजें ज्यादा जरूरी लगती हैं, बजाय अपनों के साथ बैठकर बातें करने के।
#परिणीती का मस्त Style देखकर आप भी कहेंगे हाय!