अपने प्रिय को बांहों में भरना में समेटना यह व्यक्त करना होता है कि तुम जैसे भी हो हर हाल में मुझे स्वीकार हो। यह एक तरह की अभिव्यक्ति ही तो है, जिस में हम अपने साथी के वजूद को अपने भीतर समेट लेना चाहते हैं, बांहों मे भरना ही आलिंगन कहलाता है और प्यार की शुरूआत ही निकट आने के बाद स्पर्श और फिर आलिंगन से होती है।