जो पति अपनी पत्नी को बांहों में नहीं बांधते, वे गुरूर भरे माने जाते हैं उन में यह भाव होता है कि वे पुरूष हैं वे क्यों पत्नी को बांहों में भरें। इस तरह के अहंकार से भरे पति महज यांत्रिक संबंधों की प्रक्रिया को दोहराते हैं। इस से पत्नी को यही लगाता है कि माना उस का शारीरिक शोषण हो रहा है।