पहला-पहला प्यार है, पहली-पहली बार है

पहला-पहला प्यार है, पहली-पहली बार है

हर रूप में नारी है एक-सी
ऎसी ही कुछ विचार होते हैं पुरूषों के, चाहे वो पत्नी हो या प्रेमिका वो उसमें हर रूप को खोजने की कोशिश करता है। आप अपने हर रूप को उसके सामने कितना साकार कर पाते हैं ये आप पर निर्भर करता है। उसकी छोटी-छोटी जरूरतो को पूरा कर, निराशा के समय में हिम्मत दिलाकर, खुशी के पलों की सहभागिता बन आप नारी के हर रूप को साकार कर सकती हैं।