मन की आवाज भी सुनें

मन की आवाज भी सुनें

दरअसल मन तो मन है, उसमें विचारों का प्रवाह चलता रहता है और लगातार चलता है। इन विचारों में से स्वयं के व्यक्तित्व और स्वभाव के अनुरूप क्या ठीक हो सकता है, इसका चयन करना जरूरी है।